स्वयं की अभिव्यक्ति Affirmation
अभिव्यक्ति मे शक्ति है, Affirmation is powerful.
मूक हो या शाब्दिक, be it silent or verbal,
कहा गया, it is said,
हक़ मे हो किसी के , whether in favour,
या विपरीत, or against,
रखती अपनी शक्ति, it keeps its power,
कभी ज्यादा, कभी कम, sometimes more, sometimes less,
कभी न के बराबर. sometimes negligible,
निर्भर करती, depending on,
कहने वाले की, the hidden emotions,
छुपी भावना से. of the speaker.
कहते हैं, It is said
हरदय से की गयी, curse or blessing,
दुआ या बद्दुआ, from the heart are true.
लग जाती हैं.
तो क्यों न हम, Then why shouldn't we
स्वयं ही अभिव्यक्ति, express ourselves:
करें,
स्वयं के लिए नियमित. to that which binds and enlightens us,
जो हमें, so that we may know
गठित करे,शक्ति से बांधे,बोध दे, what we are,
की हम, who we are,
क्या हैं,कौन हैं,क्यों हैं. why we are.
जो हम होना चाहें, Whatever we want to be,
उसे क्यों न, and desire to be
नियमित भावना मैं डूब, emersed fully in emotions:
मांगते ही जाएँ, thus keep asking,
ईशु से, from LORD Ishu,
जो, who is,
सर्वशक्तिमान है. Almighty.
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